KORBA

अब वैशाखी के दर्द भी नहीं पड़ते सहने, जेजेएम से घर पर ही नल लगे बहने…अब हैंडपम्प तक जाना नहीं रहा जरूरी, नल से दिव्यांग कार्तिक कंवर की दूर हुई मजबूरी…जल जीवन मिशन से घर पर नल का कनेक्शन लग जाने से दिव्यांग को मिली बड़ी राहत

 

कोरबा 08 दिसम्बर 2024/ बचपन में बीमारी से एक पैर गंवा चुकी दिव्यांग कार्तिक कंवर की उम्र अब लगभग 60 साल की है। अपनी बूढ़ी मां के साथ घर पर रह रही कार्तिक कंवर की जिंदगी एक पैर नहीं होने से वैसे ही चुनौतियों से गुजरती है। वहीं घर में खाना पकाने सहित अन्य कार्यों के लिए पानी का इंतजाम करना भी उनकी चुनौती भरी जिंदगी का एक ऐसा हिस्सा था, जिसमें परेशानी के साथ मजबूरी भी जुड़ी हुई थी। बिना पानी के वह घर का काम आगे नहीं बढ़ा सकती थी। इसलिए वर्षों तक वह तमाम परेशानियों से जूझते हुए अपने वैशाखी के सहारे जैसे भी हो पानी घर पर भरकर लाती थी और खाना पकाती थी। विगत कई दशकों तक इस समस्या को झेलती आई कार्तिक कंवर को लगता था कि उन्हें कभी भी इस मुसीबत से छुटकारा नहीं मिलेगा। उन्हें तो इस बात की ज्यादा चिंता होती थी कि घर पर उनकी बूढ़ी मां है और वह खुद भी एक पैर से लाचार है ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ बाहर से कैसे और कब तक पानी लाकर घर का काम चलाती रहेगी। चिंता में डूबी रहने वाली कार्तिक कंवर को एक दिन जब मालूम हुआ कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी घरों को नल कनेक्शन देना प्रारंभ किया है और इसके लिए उनके घर भी नल का कनेक्शन लगाया जा रहा है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आखिरकार जब घर के पास लगे नल कनेक्शन से पानी आना शुरू हुआ तो दिव्यांग कार्तिक कंवर की सारी मजबूरी खत्म हो गई। उसे न तो हैंडपम्प पानी के लिए जाना पड़ रहा है और न ही वैशाखी से दर्द सहने पड़ रहे हैं।करतला विकासखंड के ग्राम कोथारी में रहने वाली दिव्यांग कार्तिक कंवर ने बताया कि बचपन में बीमारी की वजह से उनका एक पैर काट दिया गया। वह अपनी बूढ़ी मां के साथ घर पर निवास करती है। जब तक मां ठीक थी, वह घर से बाहर हैण्डपम्प से पानी ले आती थी। अब मां की उम्र भी बहुत हो चुकी है। कुछ समय तक वह स्वयं भी वैशाखी के बल पर पानी भरकर किसी तरह घर तक ला पाती थी। अब उनकी उम्र भी लगभग 60 साल के आसपास है, ऐसे में पानी लाने में उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। कार्तिक कंवर ने बताया कि घर के पास जल जीवन मिशन का नल कनेक्शन आ गया है। सुबह शाम इस नल से पानी मिल जाता है। घर पर ही पानी मिल जाने से उन्हें दूर तक कही आने जाने की मजबूरी नहीं रहती। घर के जरूरत के लिए जितना पानी चाहिए होता है वह नल चलने के समय जमा कर लेती है। उन्होंने बताया कि इस पानी का स्वाद भी अच्छा है और किसी प्रकार की बीमारी होने का डर भी इस नल के पानी से नहीं सताता है। खाना पकाने से लेकर अन्य कार्यों के लिए नल का पानी घर पर ही उपलब्ध हो जाता है। इससे उन्हें बहुत राहत मिली है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जेजेएम के कार्यों को पूरा कर हर घर में जल्दी से जल्दी स्वच्छ पानी पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के साथ ही अधूरे कार्यों को भी तेजी से पूरा किया जा रहा है।

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