छातीबहार के पहाड़ी कोरवाओं को गर्मी में भी मिलता है पर्याप्त पानी
हैंडपंप लगने से नहीं होती पेयजल की संकट
कोरबा जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा यहाँ की पहचान है। वनांचल में रहने वाले इन परिवारों को पेयजल के लिए जूझना न पड़े, इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इनके निवास स्थान परिसर में हैंडपंप स्थापित किए गए हैं। कोरबा ब्लॉक के ग्राम छातीबहार में भी पहाड़ी कोरवाओं को पानी उपलब्धता के लिए दो हैंडपंप लगाए गए हैं, जहाँ इन्हें पानी की उपलब्धता निरंतर होती रहती है।
ग्राम छातीबहार में 7 घर ही है, जिसमे 14 पहाड़ी कोरवा परिवार निवास करते हैं। वनांचल में रहने वाले इन परिवारों के लिए पीएचई द्वारा 2 हैंडपंप लगाए गए हैं। पीएचई के कार्यपालन अभियंता ए. के. बच्चन ने बताया कि ग्राम छातीबहार में पहले से दो हैंडपंप स्थापित है। यहाँ पानी की कोई समस्या नहीं है। गर्मी के दिनों में भी हैंडपंप से पानी निकलता है और आसपास के पहाड़ी कोरवा पेयजल एवं दैनिक आवश्यकताओं के लिए हैंडपंप का पानी उपयोग करते हैं। ग्राम छातीबहार से ही कुछ दूर नदी भी है, इस छोटी नदी में नहाने एवं कपड़ा इत्यादि धोने के लिए कुछ परिवार आते हैं। ग्राम छातीबहार में पानी की कोई समस्या नहीं है। जिले के कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा भी पीएचई के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने जरूरी कदम उठाए जाएं। उन्होंने हैंडपंपों को भी चालू रखने तथा खराब होने की स्थिति में तत्काल मरम्मत कराने जैसे निर्देश भी दिए हैं।