हर व्यक्ति में होता है एक इंजीनियर जो अपनी कल्पनाओं को देता है आकार : साहू
शाईवीपीजी कॉलेज में धूमधाम से मनाया गया अभियंता दिवस
कोरबा। राष्ट्रीय अभियंता दिवस पर शासकीय ईवीपीजी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कॉलेज के प्रवेश द्वार पर स्थापित महान अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। जिसके पश्चात कॉलेज के अंबेडकर हॉल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में शहर के प्रख्यात इंजीनियर अरविंद साहू बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
मुख्य अतिथि साहू ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर को महान अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस पर हम अभियंता दिवस मनाते हैं। जिनका व्यक्तित्व इतना महान है कि शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। जिस समय उन्होंने बड़ी बिल्डिंग और डैम का निर्माण किया। उस वक्त तकनीक का उतना विकास नहीं हुआ था। जिस समय में उन्होंने इतने बड़े-बड़े काम किये, उस समय बिना आधुनिक तकनीक के ही दुनिया भर में ख्याति प्राप्त की है। दरअसल हम सभी में एक इंजीनियर छिपा होता है। जो निरंतर अपनी कल्पनाओं को आकार देता है।
आयोजन में उपस्थित महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ साधना खरे ने कहा कि दुनिया भर अलग अलग देश में अभियंता दिवस मनाया जाता है। जिस प्रकार वैज्ञानिक, अध्यापक, खिलाड़ी, पत्रकार देश के लिए अपना योगदान देते हैं। उसी प्रकार इंजीनियर अलग-अलग निर्माण कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
दुनिया में जितने भी महत्वपूर्ण और बड़े का निर्माण कार्य हुए हैं। उसमें किसी न किसी इंजीनियर का योगदान रहा है। वैज्ञानिक सैद्धांतिक तौर पर जो खोज करते हैं। इंजीनियर ही उसे व्यावहारिक रूप प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम में गणित विभाग के विभागाध्यक्ष शुभम ढोरिया ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और छात्र-छात्राओं को बताया गया कि कैसे सर
विश्वेश्वरैया ने हैदराबाद बाढ़मुक्त शहर बनाने में योगदान दिया। उन्होंने एशिया का सबसे बड़ा डैम भी बनाया था। मैसूर के राजा ने उन्हें दीवान की उपाधि दी थी। आगे चलकर उन्हें देश सरवोच्च सम्मान भारत रत्न भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम का आयोजन भौतिक विभाग द्वारा किया गया था। जिसके विभागाध्यक्ष भौतिकविद श्याम सुंदर तिवारी ने कार्यक्रम का संचालन किया। तिवारी ने कहा कि इंजीनियर सिर्फ मशीनों को ही नहीं सुधारते, बनाते। बल्कि किसी भी काम को तकनीक के माध्यम से तयशुदा समय में पूरा करना ही एक इंजीनियर का वास्तविक काम है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं सहित प्राध्यापकगण संदीप शुक्ला, सुशील गुप्ता, अवंतिका कौशिल, पूर्णिमा साहू, सहित केएन कॉलेज से वीणा विश्वास, एमडीपी कटघोरा से पूनम ओझा व हरदीबाजार से राकेश राठौर व महाविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।