कोरबा

: कोरबा में समितियां -किसान परेशान ,राइस मिलरों की हड़ताल से धान का उठाव ठप्प ,…

कोरबा ।समर्थन मूल्य पर 14 नवंबर से प्रदेश में धान -खरीदी (उपार्जन)नीति 2024 -25 के तहत किए जा रहे धान खरीदी अभियान को अभी एक माह ही बीता है कि राइस मिलर्स लंबित प्रोत्साहन राशि ,भुगतान दर में बढोत्तरी की मांगों को लेकर 20 दिसंबर तक प्रदेशव्यापी हड़ताल में चले गए हैं। जिसका असर आकांक्षी जिला कोरबा की धान खरीदी व्यवस्था पर पड़ रही है। पहले से ही तमाम प्रक्रियाओं में विलंब की वजह से इस साल धीमी रफ्तार से हो रही धान खरीदी अभियान पर राइस मिलरों की हड़ताल ने सहकारी समितियों शासन की चिंता बढ़ा दी है।। जिले में शनिवार को कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करने के उपरांत भी राइस मिलरों के वाहन के पहिए थमे रहे। जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में खरीदे गए 5 लाख 43 लाख 255 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 124 करोड़ 94 लाख 86 हजार 960 रुपए के जाम पड़े धान समिति के कर्मचारियों की परेशानियाँ बढ़ा दी है। जहां 10 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट (7200 क्विंटल)से दोगुना धान जाम है वहीं धान का उठाव नहीं होने से अर्से बाद तुमान एवं कोथारी जैसे 2 बड़े उपार्जन केंद्रों में खेतों में धान खरीदने पड़ रहे। बदइंतजामी का यही आलम रहा तो जहाँ किसानों को भारी तकलीफों से जूझना पड़ेगा वहीं समितियों में खरीदी बंद करने की स्थिति निर्मित न हो जाए।

 

यहाँ बताना होगा कि चुनावी वर्ष में इस बार नवंबर माह के दूसरे पखवाड़े से शुरू हुई धान खरीदी अभियान की शुरुआत हुई है
।धान खरीदी शुरुआत होते ही राइस मिलर्स हड़ताल में चले गए थे। गत माह ही आश्वासन के बाद लौटे राइस मिलरों ने पंजीयन अनुबंध कराने के बाद कस्टम मिलिंग शुरू ही किया था कि कैबिनेट में लंबित प्रोत्साहन राशि का भुगतान,प्रोत्साहन राशि मे बढोत्तरी समेत पेनाल्टी जैसे अपने जायज मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के आव्हान पर प्रदेश के 2500 से अधिक राइस मिलर्स 12 से 20 दिसंबर तक विरोध स्वरूप हड़ताल में चले गए थे। जिसकी वजह से कस्टम मिलिंग का कार्य शनिवार को पूर्ण रूप से बाधित रहा। बात करें आकांक्षी जिला कोरबा की तो औद्योगिक जिला होने के नाते कृषि योग्य भूमि के रकबे में भले साल दर साल गिरावट आ रही है लेकिन उन्नत कृषि तकनीक ,उच्च कोटि के बीजों के उपयोग से पैदावार में बढोत्तरी के दावे के साथ लक्ष्य में भी बढोत्तरी की जा रही है। इस साल जिले को 31 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है।55 हजार से अधिक पंजीकृत किसानों के जरिए 41 सहकारी समितियों के 65 धान उपार्जन केंद्रों के माध्यम से इस लक्ष्य को हासिल करना है। जिसकी पूर्ति में धान खरीदी के एक माह उपरांत 13 दिसंबर की स्थिति में जिले में 6 लाख 35 हजार 665.20 क्विंटल 2300 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से 146 करोड़ 20 लाख 29 हजार 960 रुपए के धान की आवक हो चुकी है।।जिसमें से 120 (118 अरवा 2 उसना ) पंजीकृत राइस मिलरों के माध्यम से 13 दिसंबर तक की स्थिति में 92 हजार 410 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 21 करोड़ 25 लाख 43 हजार रुपए के धान का उठाव हुआ है।अभी भी 5 लाख 43 हजार 255 .20 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 124 करोड़ 94 लाख 86 हजार 960 रुपए का धान जाम है।महज 14.54 % धान का ही उठाव हुआ है।। राइस मिलरों की हड़ताल की वजह से जारी डीओ के विरुद्ध में यह धान कब उठेगा इसका जवाब जिम्मेदार अधिकारियों से नहीं मिल रहा। इस बदइंतजामी की वजह से जहाँ कोथारी एवं तुमान जैसे बड़े उपार्जन केंद्रों में पाँव रखने की जगह नहीं है। हालात इतने विकट हैं कि समिति के कमर्चारियों को खेतों में किसानों से खरीदे गए धान खरीदना पड़ रहा। इस अव्यवस्था से समिति से लेकर किसान दोनों परेशान हैं। शासन किसानों का एक एक दाना धान बिना किसी पक्षपात परेशानी के खरीदने का दावा करती है लेकिन इसके उलट कोरबा जिले में अन्नदाता किसान शासन को धान बेचने के लिए अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं। अभी तो लक्ष्य का 21 फीसदी धान की ही आवक हुई है । ऐसे में आने वाले दिनों में धान की आवक बढ़ने पर व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं होने की स्थिति में स्थिति और विकट हो सकती है।

इन उपार्जन केंद्रों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब 👇

उपार्जन केंद्र -आवक (क्विंटल में)-उठाव-शेष -उठाव प्रतिशत

तुमान -20050.80 -3840-16210-19.15 %

निरधि- 19839-5720-14119-28.83%

कोथारी -18714 -4730-14062.40-25.17 %

नवापारा -18774.40-00-18774.40-00%

भैसमा -18086.40- 3040-15046.40 -16.81 %

करतला – 18404.40-1340-17064.40-7.28 %

सिरमिना -18204 .80 -280 – 17924.80-1.54 %

केरवाद्वारी -16739.60 -00-16739 -00%

सोहागपुर -15778 -3400-12378 -21.55%

चिकनीपाली -15607.60-2120-13487.60 -13.58 %

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