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पावर कंपनी में अधिकारियों कर्मचारियों के बीच सौतेला व्यवहार किए जाने को लेकर महासंघ करेगा आंदोलन

सिर्फ इंजीनियरों को नहीं बल्कि मैदानी कर्मचारियों को भी मिले 3% टेक्निकल भत्ता
विद्युत कंपनियों में केवल अभियंता वर्ग को ही 3% तकनीकी भत्ता दिए जाने और विद्युत कर्मियों को इसके लाभ से वंचित किए जाने से विद्युत कर्मचारियों में असंतोष है

छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हरीश कुमार चौहान ने इस मामले को लेकर सीएम को पत्र लिखा है उनका कहना है कि पावर कंपनी का वास्तविक तकनीकी कार्य विद्युत उत्पादन, पारेषण व विद्युत वितरण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं तक सतत विद्युत सेवा प्रदान करने का कार्य होता है जो कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है। यह विशुद्ध तकनीकी कार्य के श्रेणी में आता है उपभोक्ता तक विद्युत पहुंचाने में लगे इस तकनीकी कर्मचारियों को विद्युत दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है ऐसा प्रतीत होता है कि तकनीकी कार्य करने वाले के लिए 3% तकनीकी भत्ता दिए जाने की घोषणा को पावर कंपनी प्रबंधन द्वारा अभियंता संघ के कार्यक्रम में की गई घोषणा के अनुरूप केवल अभियंता बंधुओं तक ही सीमित मानकर आदेश जारी कर दिया गया है, जबकि इससे पावर कंपनी में समूचे तकनीकी कर्मचारियों और अधिकारियों के कार्यों को ध्यान में रखते हुए 3% तकनीकी भत्ता दिया जाना चाहिए।
महासंघ ने इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश की जनता के हित में किए जाने वाले कार्य किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं होकर समूचे संबंधित जनता के लिए होते हैं जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण हाफ बिजली बिल माफी योजना है, जिसमें अमीर गरीब का कोई फर्क न करके प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ प्रदान किया जा रहा है निश्चित तौर पर यही दृष्टिकोण पावर कंपनी में माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा की गई तकनीकी भत्ता की घोषणा के संबंध में लागू होता है लेकिन संभवत किसी गलतफहमी की वजह से ही इसे पावर कंपनी प्रबंधन द्वारा संपूर्ण वर्ग को लाभान्वित नहीं किया जा रहा है पत्र में कहा गया है कि वास्तव में तकनीकी संबंधित कार्य प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अभियंताओं के साथ ही तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के तकनीकी कर्मचारियों को भी शामिल किया जाना चाहिए और इस संबंध में पावर कंपनी प्रबंधन को निर्देश किया जाना चाहिए ताकि समस्त बिजली कर्मचारी में हर्ष व्याप्त हो और कर्मचारी अपने आप को ठगा महसूस ना करें।
पावर कंपनी प्रबंधन के द्वारा अधिकारी कर्मचारियों के बीच सौतेला व्यवहार किए जाने को लेकर महासंघ प्रदेश भर में करेगा आंदोलन
इस संबंध में भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय मंत्री एवं ऑल इंडिया विद्युत प्रभारी राधेश्याम जयसवाल का कहना है कि वास्तव में फील्ड एवं संयंत्र में तकनीकी कार्य क्लास 3 व क्लास 4 के कर्मचारी करते हैं। इसलिए तकनीकी भत्ता का हकदार तकनीकी कर्मचारी वर्ग का है यही स्थापना कार्य में नियोजित अभियंताओं के समान स्थापना का कार्य करने वाले प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारियों को भी तकनीक का भत्ता दिया जाना चाहिए इसके लिए भारतीय मजदूर संघ पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया है यदि इस पर कुछ ठोस निर्णय नहीं लेने पर आने वाले दिनों में भारतीय मजदूर संघ प्रदेश भर में आंदोलन करेगा।
इस संबंध में भारतीय मजदूर मजदूर संघ के जिला मंत्री नवरतन बरेठ का कहना है कि पावर कंपनी प्रबंधन द्वारा हमेशा से ही कर्मचारी एवं अधिकारियों के बीच सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है। निश्चित रूप से कंपनी में मैदानी क्षेत्रों में या संयंत्र में काम करने वाला तकनीकी कर्मचारी ही 3% टेक्निकल भत्ता के असली हकदार हैं, साथ ही पावर कंपनी में भर्ती के समय सभी कार्यालयीन व तकनीकी कर्मचारी के योग्यता में शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ तकनीकी योग्यता मांगा जाता है और उसी योग्यता के आधार पर भर्ती होती है। इसलिए कंपनी में काम करने वाले सभी तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ही तकनीकी भत्ता के असली हकदार हैं और उन्हें मिलना चाहिए। महासंघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है यदि आने वाले समय में कंपनी प्रबंधन के द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया गया तो भारतीय मजदूर संघ जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी।

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