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पटेल टूटोरियल बिलासपुर में उपन्यासकार डॉ. दिनेश श्रीवास सम्मानित

“माली” उपन्यास के लेखक डॉ. दिनेश श्रीवास का सम्मान टूटोरियल के डिप्टी डायरेक्टर श्री रविन्द्र तिवारी सर द्वारा किया गया। उपन्यास लेखक तिवारी सर के भूतपूर्व विद्यार्थी भी हैं। डॉ. दिनेश श्रीवास 2012 बैंच के सहायक प्राध्यापक हैं और शा. पी.जी. महाविद्यालय कोरबा में पदस्थ हैं। प्रशासन और मानवीय व्यवहार को लेकर लिखे गए इस उपन्यास की काफी चर्चा है। उपन्यास लेखन पर बधाई देते हुए उन्होंने उपन्यास पर लम्बी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने उपन्यास का अध्ययन किया है। उपन्यास पाठकों को बांध कर रखता है। किसी भी उपन्यास में संदेश तो होना ही चाहिए, समाज में कुछ नया दिखाने की ललक होना चाहिए। उपन्यास को तेज गति का होना चाहिये, बेहद रोचक होना चाहिए, बेहद रोमांचक होना चाहिए और यह सभी विशेषताएं इस उपन्यास में है।

उपन्यास “माली” में क्या है: डॉ. दिनेश श्रीवास की उपन्यास “माली” का प्रकाशन दिल्ली की पुस्तकनामा जैसी प्रतिष्ठित प्रकाशक संस्था ने किया है। “माली” में प्रशासन और मानवीय मूल्यों का निचोड़ है। प्रशासन के भीतर किस तरह से मानवीय मूल्य का पतन हो रहा है। प्रशासनिक गलियारों में किस तरह से लोगों का उपयोग किया जाता है। महत्वाकांक्षाएं पूर्ति की भावनाएं हो या फिर क्रेडिट लेने की होड़ इन सभी को माली उपन्यास में बेहद खूबसूरती से परिभाषित किया गया है और इसे रोचक तरीके से पाठकों के सामने प्रस्तुत किया गया है। इसके कारण “माली” को काफी पाठक मिले हैं। यह प्री बुकिंग में प्रकाशकों की ओर से बेस्ट सेलर पुस्तक के तौर पर भी घोषित की गई है।
प्रशासनिक मूल्यों पर आधारित डॉ. दिनेश श्रीवास के उपन्यास का विमोचन रायपुर में हुआ था। इस दौरान कई विश्वविद्यालय के कुलपति भी वहां मौजूद थे। सभी ने इस उपन्यास की सराहना की है। डॉ. दिनेश श्रीवास के लेखन कौशल की तारीफ भी की गई है। डॉ. श्रीवास खुद भी मानते हैं कि साहित्य पढ़ने की रुचि कम होती जा रही है लेकिन नए तरह के कलेवर देकर यदि हिंदी भाषा का उपयोग किया जाए तो इसके पाठक बढ़ेंगे हिंदी को हाथों-हाथ लिया जाएगा।

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