शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही पर कलेक्टर ने पटवारी विमल सिंह को किया निलंबित…पटवारी हल्का नंबर 11 कोरकोमा के संबंध में शिकायत के बाद की गई जांच
कोरबा 18 सितंबर 2024 / कलेक्टर ने पटवारी हल्का नंबर 11-कोरकोमा तहसील भैंसमा के पटवारी विमल सिंह को कारण बताओ सूचना पत्र के संबंध में जवाब पत्र संतोष प्रद नहीं होने के फलस्वरूप शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 की नियम-3 (1) नियम (क) (ख) (ग) का उल्लंघन मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 09 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय राजस्व निरीक्षण मण्डल जटगा तहसील पसान नियत किया गया है। निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। इस संबंध में बताया गया कि नवभारत अखबार ने दिनांक 31.08.2024 को ‘कलेक्टर साहब ! फौती के लिए पटवारी मांग रहे 80 हजार’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें ग्राम कोरकोमा निवासी अरजन सिंह चौधरी पिता स्व. ठंडाराम द्वारा शपथ पूर्वक बयान में बताया गया कि उसके व उसकी पत्नी रूकमणी के नाम पर ग्राम कोरकोमा में भूमि है। दोनों के किसान किताब जीणशीर्ण होकर फट रहें हैं इसलिए पटवारी विमल सिंह के पास जाकर नया किसान किताब बनाने के लिए बोलने पर उनके द्वारा 10 हजार रूपए की मांग की गई। इसी प्रकार ग्राम कोरकोमा निवासी कमलाबाई पटेल, भेषलाल पटेल द्वारा अपने शपथ पूर्वक बयान में बताया गया कि सह खातेदार गंगाबाई, शिवनारायण, भेषकुमारी, भेषलाल, मेतकुमारी, धनीराम अन्य के संयुक्त खाते में 16.54 एकड़ भूमि है। सह खातेदार रोशन की मृत्यु 30 मई 2023 को हो गई थी। जिसका फौती दर्ज करने के लिए पटवारी विमल सिंह को माह अगस्त 2023 में मृत्यु प्रमाणपत्र, वंशवृक्ष की जानकारी, शपथ पत्र, जमीन का दस्तावेज दिया गया था। फौती नामांतरण दर्ज कर खाता विभाजन कर किसान किताब देने के लिए पटवारी विमल सिंह के द्वारा 80 हजार रूपए की मांग की गई थी और कहा गया था कि 15 दिवस के भीतर फौती नामांतरण व खाता विभाजन कर दूंगा। इस कार्य के लिए जब दस्तावेज दिए उसी दिन ग्राम कोरकोमा गौठान के पास भेष लाल पटेल ने पटवारी विमल सिंह को एडवांस में नगद 40 हजार रूपए दिए गए थे। पटवारी ने कार्य भी नहीं किया और रूपए भी वापस नहीं दिए। पैसे देने के समय शिवनारायण पटेल व सुरेन्द्र पटेल उपस्थित थे। पटवारी के द्वारा पैसे की मांग एवं पैसे लिए जाने संबंधी दोनों प्रकरणों की जांच तहसीलदार भैंसमा द्वारा की गई। तहसीलदार भैंसमा के जांच प्रतिवेदन में प्राप्त निष्कर्ष के अनुसार हल्का पटवारी के द्वारा फौती नामांतरण, खाता विभाजन के लिए आवेदकों से दस्तावेज प्राप्त करने के बाद काफी लंबे समय तक अपने पास रखने व ऑनलाइन फौती नामांतरण एमडी सिरीज में दर्ज नहीं करने और न ही तहसील न्यायालय में प्रस्तुत करने आपत्ति जनक स्थिति को प्रस्तुत करता है। हल्का पटवारी द्वारा किसी कार्य के नाम पैसे की मांग करना तथा गुमराह करने वाला कथन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 में उल्लेखित प्रावधानों के विपरीत होने से दण्डनीय है। कलेक्टर कोरबा के द्वारा भैंसमा तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कोरकोमा पटवारी हल्का नंबर 11 को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।