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वनवासी कल्याण आश्रम का अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए अध्यक्ष रघुराज सिंह उइके

कोरबा – अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ संपन्न। राष्ट्रीय अध्यक्ष वनवासी कल्याण आश्रम भी उपस्थित थे साथ में कोरबा जिले के वनवासी कल्याण आश्रम कोरबा के अध्यक्ष रघुराज सिंह उइके जी शामिल हुए।इस सम्मेलन के तहत केन्द्रीय कार्यकारी मंडल कि बैठक में जनजाति समाज के उत्तरोत्तर विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई एवं संघ एवं राज्यों के लोक सेवा आयोगों में अनुसूचित जन जातियों को प्रतिनिधित्व दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पारित कर केन्द्र एवं राज्यों की सरकारों की भेजने का निर्णय हुआ है। भारतीय प्रशासनिक, पुलिस, विदेश एवं वन सेवा जैसी सिविल और सैन्य, इंजीनियरिंग मेडिकल एवं अन्य उच्च सेवाओं के लिए संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्यों की सिविल सेवाओं में चयन के लिए राज्य लोक सेवा आयोग कार्य करते हैं। ये आयोग केंद्र एवं राज्यों को इन चयनित अधिकारियों की पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति एवं अनुशासनिक कार्यवाही में भी सलाह देते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के अंतर्गत ये आयोग संवैधानिक संस्थान हैं । संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों एवं अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं एवं राज्यों के लोक सेवा आयोगों में ऐसी नियुक्तियां संबंधित राज्यों के राज्यपाल करते हैं। उन्होंने बताया कि उच्च एवं उच्चतम न्यायालयों में न्यायधीशों की नियुक्ति की तरह लोक सेवा आयोगों में सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति में वर्तमान में किसी तरह के आरक्षण प्रावधान नहीं है और एक तथ्य यह भी है कि देश की आजादी के बाद 77 वर्षों के संघ लोक सेवा आयोग के इतिहास में अभी तक केवल 2 अध्यक्ष और इतने ही सदस्य जनजाति समाज से बनाएं गए और वे दोनों अध्यक्ष भी उत्तर पूर्व के मेघालय राज्य से। कमोयेश यही स्थिति राज्यों के लोक सेवा आयोगों की है – उत्तर पूर्व के जनजाति बहुल नागालैंड, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश इसके अपवाद हैं। जहां शायद ही कोई जनजाति व्यक्ति अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसमें जनजाति सदस्य भी गिनती के ही रहे हैं।

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