पट्टा वितरण में खलल डालने पहुंची पार्षद रितु चौरसिया को लोगों ने घेरा तो लौटी उल्टे पांव, जनता को बरगलाने का प्रयास रहा नाकाम,विकास विरोधी चेहरा उजागर
लोग पूछ रहे- जनकल्याणकारी योजना से भाजपाई क्यों हो रहे परेशान?
कोरबा। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के प्रयासों से आज न सिर्फ कोरबा बल्कि प्रदेश भर के झुग्गी झोपड़ी निवासियों को पट्टा दिया जा रहा है। जिस भूमि पर वह निवासरत हैं, अब उसका हक गरीबों को मिल रहा है। लेकिन भाजपाई इसे पचा नहीं पा रहे हैं। पहले तो 15 साल सरकार में रहने के बाद भाजपा इस दिशा में कोई काम नहीं कर पाई। लेकिन कांग्रेस ने 5 साल में पट्टा वितरण का काम कर दिखाया है। पंप हाउस से राजस्व मंत्री अग्रवाल ने पट्टा वितरण की शुरुआत की है। रविवार को भाजपा की ओर से मेयर प्रत्याशी बनकर मेयर का चुनाव हारने वाली पार्षद रितु चौरसिया पंप हाउस में पट्टा वितरण के लिए फार्म भरवा जाने वाले स्टॉल पर पहुंची थी। जहां वह लोगों को बरगलाने का प्रयास कर रही थी। वह लोगों से कह रही थी कि पट्टा फर्जी है। इतने में वार्ड के कुछ जागरूक लोगों ने रितु से सवाल पूछा कि सरकार द्वारा दिया जा रहा पट्टा फर्जी कैसे हो सकता है? और यह कैसे साबित होगा?
*रितु इस बात का जवाब नहीं दे पाई, लोगों ने उन्हें घेर लिया, बस फिर क्या था रितु वहां से सिर पर पांव रखकर भाग खड़ी हुई*
एक दिन पहले भी रितु कलेक्ट्रेट जाकर पट्टा का विरोध कर रही थी। इन्होंने बाकायदा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि लोगों को पट्टा नहीं देना चाहिए, पट्टा वितरण पर रोक लगाई जाए। इससे भाजपाइयों की जन विरोधी भावना साफ तौर पर दिख रही है। वह किस तरह से गरीबों के विरोध में काम करना चाहते हैं और इनकी गरीब विरोधी मानसिकत खुलकर सामने आ गयी है। रितु खुद पेट्रोल पंप की मालकिन हैं, धनवान हैं, महापौर पद के लिए भाजपा ने इन्हें ही प्रत्याशी बनाया था। लेकिन वह चुनाव हार गई। इतना ही नहीं महापौर के खिलाफ उनकी जाति को लेकर भी इन्होंने चुनाव याचिका लगाई थी। वह याचिका भी न्यायालय खारिज हो गई है। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के पुरजोर प्रयास के बाद अब एसईसीएल, एनटीपीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों की जमीन पर बसे लोगों को पट्टा दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। गरीबों का वर्षों पुराना सपना पूरा हो गया है। जिसके बाद अब रितु चौरसिया के साथ ही भाजपाई पूरी तरह से तिलमिला गए हैं। “खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ वाली कहावत उनके लिए पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। रविवार को जानता ने इन्हें चुनाव से पहले ही आईना दिखा दिया है। जनता के सवालों से घबराकर रितु मौके से भाग खड़ी हुई। भाजपाई जनता के हित वाले कार्यों का भी लगातार विरोध करने के लिए जिले में पहचाने जाने लगे हैं।
पट्टा जैसी मूलभूत आवश्यकता जो की झुग्गी झोपड़ी निवासियों के लिए बेहद जरूरी है। इसका भी रितु जैसे भाजपाई विरोध कर रहे हैं। भाजपा के लोगों ने 15 साल में गरीबों को पट्टा देने के पक्ष में कोई काम नहीं किया और अब, जब राजस्व मंत्री की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने यह काम पूरा कर दिया। गरीबों को पट्टा मिल रहा है। तब वह इसका विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं रितु जैसे भाजपाई पट्टा वितरण स्थल पर जाकर लोगों से झूठ बोलने तक से नहीं चूक रहे हैं। रितु भी रविवार को लोगों को झूठ बोल रही थी कि पट्टा फर्जी है, यह गलत तरह से बनाया जाएगा। लेकिन लोगों ने ही उन्हें सबक सिखाया और कई तरह के सवाल पूछ लिए जिसके रितु बगले झांकने लगी। उनके पास पट्टा के लिए लगे स्टोल से भगाने के अलावा कोई विकल्प बचा ही नहीं था।
*कांग्रेस के कार्यकर्ता कर रहे हैं लोगों की मदद :*
पट्टा वितरण जैसे सकारात्मक काम का भी भाजपाई विरोध कर रहे हैं. जिससे उनकी मानसिकता दिखती है. जिन्हें पट्टा मिल रहा है. वह झुग्गी झोपड़ी में निवास करने वाले गरीब हैं. जिन्हें फॉर्म भरने में दिक्कत आ रही है. वह स्वयं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं और सहयोग मांग रहे हैं. लोग सालों से सार्वजनिक उपक्रमों के जमीन पर बसे हुए हैं. 15 साल भाजपाइयों ने उनके लिए कुछ नहीं किया. अब जब पट्टा वितरण का काम हो रहा है. गरीबों के वर्षों का सपना पूरा हुआ है. तब इसमें भी वह व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं.